अल्फ़ाज़ क्या चुने तुम्हारी तारीफ़ मे ?
इसी जुस्तजू मे थे हम,
किसीने नज़्म तक लिख डाली तुम्हारे फ़ितूर मे
और हम बस वाह!.. वाह!.. करते रेह गए।
- साहिल
जुस्तजू - search, quest
फ़ितूर - obsession
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