Friday, 16 June 2017

नज़्म

कार के साइड मिरर पे बैठी बारिश की बूँद यूँ तकतीं है मेरी तरफ़,

मानों जैसे क़ैह रही हो, wipers चलाके यूँ दूर ना करो हमें। 

वो रुकी थोड़ी देर इसी फ़िराक़ में की बाहर आके उसे हथेली पे लू.

पर उसी वक़्त एक बड़ा सा बूंदा वहाँ गिरा और पिघलाके उसे अपने साथ ले गया।

                                                           - साहिल  

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