लगता है अजनबी ही अच्छे थे हम दोनों,
रात - रात भर बातें किया करते थे।
आजकल तो साहाब बस "अंधेरे" का इंतजार है।
ताकि सुकून से सो सके,
सुबह ऑफिस जा सके।
- साहिल
रात - रात भर बातें किया करते थे।
आजकल तो साहाब बस "अंधेरे" का इंतजार है।
ताकि सुकून से सो सके,
सुबह ऑफिस जा सके।
- साहिल