Thursday 6 June 2019

अजनबी

लगता है अजनबी ही अच्छे थे हम दोनों,
रात - रात भर बातें किया करते थे।
आजकल तो साहाब बस "अंधेरे" का इंतजार है।
ताकि सुकून से सो सके,
सुबह ऑफिस जा सके।

      - साहिल   

नज़्म

जिम्मेदारियों मे कुछ उलझ सा गया हूं शायद ,
वरना तेरे शबनमी ओठों के तारीफ़ में, कुछ लिख दू
दिल आज भी करता है।

     - साहिल 

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