- साहिल
शब्द मनातले !..
Tuesday, 5 December 2023
ख़ामोशियाँ
- साहिल
Tuesday, 8 August 2023
डायरी
Thursday, 15 June 2023
A Thought
Wednesday, 26 April 2023
वो पल !
आखिर वो पल आ ही गया था,
इस वक़्त के बाद हम नहीं मिलेंगे, इस ख़्याल पे ही यकीन करना मुश्किल था।
पर अब, वो लम्हा मेरे सामने था।
Ground floor पे wait करती Cab तक हम साथ पोहंचे। Lift की जगह हम सीढ़ीयोँ से चले? मैंने पूछा था। क्योंकि इसी बहाने तुम्हारे साथ कुछ और पल गुजारके, कुछ आँखरी यादे जमा करना चाह रहा था।
उस शाम भी बारिश हो रही थी ठीक उसी तरह जैसे उस दिन हो रही थी, जब हम पहली बार अचानक मिले थे , बारिश में हम आखरी बार एक छाते में कुछ और कदम साथ चले थे। तुम्हारी dress एक side से थोड़ी भीग गयी थी उस दिन, क्योंकि इस बार तुमने चलते हुए मेरी बाजु को नहीं थामा था।
Car और तुम्हारे दिल का दरवाजा बंद हुआ और तुम चली गयी।
पता नहीं पर क्यूँ ? उस दिन, तुम्हारा चेहरा धुंदलासा दिखाई दे रहा था.
Car की Window पे पानी की बूंदे बहोत थी ? या फिर मेरे आँखों में ?
- साहिल
Monday, 22 August 2022
शिक्षणातून समृद्धी कडे
Tuesday, 21 June 2022
मौन
व्यक्त होण्याकरता शब्दच हवे असतात, असं कुठे लिहून ठेवलंय?
स्पर्श, प्रेम, दया, श्रद्धा, कला - ही सगळी मौनाची च रूपं .
- साहिल 22.06.2022
Thursday, 11 February 2021
चारोळी
तुझ्याच आठवणींची वादळं,
सतत मनात घोंगावतात.
माझं मन तस शाहाणं ए
पण हे डोळेच कधी कधी पाणावतात.
- साहिल
घोंगावणे - Buzz Around