Tuesday, 5 December 2023

ख़ामोशियां

खोमोशियां अच्छी सी लगने लगी हैं आजकल,
खुद की धड़कनों को सुन पाता हूँ, 
मेहसूस कर पाता हूँ।

      - साहिल

Tuesday, 8 August 2023

डायरी

अलमारी के कोने में रखी डायरी को देखा
जरा अकेली और मायूस सी लग रही थी, 
पन्नो पे छपती सीहाई की ख़ुशबू, और 
कलम की उस छूअन का.
एक अरसे इंतेज़ार कर रही थी

- साहिल । 08.08.23

Thursday, 15 June 2023

A Thought

Creation should always be 
bigger than and remebered before the Creator.
Well, but Order is relative term and it is contextual. 
That's why before starting a race we count 1,2,3 start. 
And before launching a satellite we count 3,2,1 Launch 🙂

- साहिल 15.06.2023

Wednesday, 26 April 2023

वो पल !

आखिर वो पल आ ही गया था,

इस वक़्त के बाद हम नहीं मिलेंगे, इस ख़्याल पे ही यकीन करना मुश्किल था।
पर अब, वो लम्हा मेरे सामने था। 

Ground floor पे wait करती Cab तक हम साथ पोहंचे। Lift  की जगह हम सीढ़ीयोँ  से चले? मैंने पूछा था। क्योंकि इसी बहाने तुम्हारे साथ कुछ और पल गुजारके, कुछ आँखरी यादे जमा करना चाह रहा था। 
उस शाम भी बारिश हो रही थी ठीक उसी तरह जैसे उस दिन हो रही थी, जब हम पहली बार अचानक मिले थे , बारिश में हम आखरी बार एक छाते में कुछ और कदम साथ चले थे।  तुम्हारी dress एक side से थोड़ी भीग गयी थी उस दिन, क्योंकि इस बार तुमने चलते हुए मेरी बाजु को नहीं थामा था। 

Car और तुम्हारे दिल का दरवाजा बंद हुआ और तुम चली गयी। 

पता नहीं पर क्यूँ ? उस दिन, तुम्हारा चेहरा धुंदलासा दिखाई दे रहा था. 
Car की Window पे पानी की बूंदे बहोत थी ? या फिर मेरे आँखों में ?


                                 - साहिल 

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